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don't heart your body with your behaviour - self realisation of your habits

नाज़ुक अंगो को घायल कर रहा आपका कठोर व्यवहार ।‌।             1- *आमाशय* घायल होता है जब आप प्रातः काल अल्पाहार नही करते हैं। 2- *किडनी* घायल होती है जब आप 24 घण्टे में 10 -12 गिलास पानी नही पीते  3- *पित्ताशय* घायल होता है जब आप रात्रि 11 बजे तक सोते नही है और सूर्योदय से पूर्व जागते नही हैं। 4- *छोटी आंत* घायल होती है जब आप ठंडा और बासी भोजन करते हैं। 5- *बड़ी आंत* घायल होती है जब आप बहुत तला भुना और मसालेदार भोजन करते हैं। 6- *फेफड़े* घायल होते हैं जब आप सिगरेट,और धुयें आदि से प्रदूषित वातावरण में सांस लेते हैं। 7- *लिवर* घायल होता है जब आप बहुत भारी जंक, फ़ास्ट फ़ूड खाते हैं। 8- *हृदय* घायल होता है जब आप अपने भोजन में अधिक नमक और केमिकल रिफाइंड तेल खाते हैं। 9- *अग्न्याशय* घायल होता है जब आप मीठी चीजे ज्यादा मात्रा में खाते हैं क्योंकि वो स्वादिष्ट और सहज उपलब्ध हैं। 10- *आँखें* घायल होती हैं जब आप कम प्रकाश में मोबाईल और कम्प्यूटर स्क्रीन पर काम करते हैं। 11- *मस्तिष्क* घायल होता है जब आप नकारात्मक सोचने लगते हैं। 12- *आत्मा* घायल होती है जब आप नैतिकता के विरुद्ध कार्य करते हैं। 👉आप
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2 Stories of Dream big. Set goals. Work hard

2 stories: 1. Yahoo refused Google 2. Nokia refused Android Moral: 1. Update yourself with time, else you will become obsolete 2. Taking no risk is the biggest risk. Take risks and adopt new technologies. 2 more stories: 1. Google acquired YouTube and Android 2. Facebook acquired Instagram and WhatsApp Moral: 1. Become so powerful of that your enemies become your allies 2. Grow fast, become big and then eliminate competition 2 more stories: 1. Barack Obama was a ice cream seller 2. Elon Musk was a worker in a lumber mill Moral: 1. Don’t judge people based on their past jobs 2. Your present doesn’t decide your future, your courage and hard work does 2 more stories: 1. Colonel Sanders created KFC at the age of 65 2. Jack Ma who was rejected by KFC founded Alibaba Moral: 1. Age is just a number - you can be successful at any age 2. Never ever give up in life - only those who never give up win 2 final stories: 1. Owner of Ferrari insulted a tractor maker 2. The tractor maker created Lambor

हमारा भी एक जमाना था old school days

खुद ही स्कूल जाना पड़ता था क्योंकि साइकिल बस आदि से भेजने की रीत नहीं थी, स्कूल भेजने के बाद कुछ अच्छा बुरा होगा ऐसा हमारे मां-बाप कभी सोचते भी नहीं थे... उनको किसी बात का डर भी नहीं होता था, 🤪 पास/फेल यही हमको मालूम था... % से हमारा कभी संबंध ही नहीं था... 😛 ट्यूशन लगाई है ऐसा बताने में भी शर्म आती थी क्योंकि हमको ढपोर शंख समझा जा सकता था... 🤣🤣🤣 किताबों में पीपल के पत्ते, विद्या के पत्ते, मोर पंख रखकर हम होशियार हो सकते हैं ऐसी हमारी धारणाएं थी... ☺️☺️ कपड़े की थैली में...बस्तों में..और बाद में एल्यूमीनियम की पेटियों में...किताब कॉपियां बेहतरीन तरीके से जमा कर रखने में हमें महारत हासिल थी.. ..  😁 हर साल जब नई क्लास का बस्ता जमाते थे उसके पहले किताब कापी के ऊपर रद्दी पेपर की जिल्द चढ़ाते थे और यह काम...एक वार्षिक उत्सव या त्योहार की तरह होता था.....  🤗  साल खत्म होने के बाद किताबें बेचना और अगले साल की पुरानी किताबें खरीदने में हमें किसी प्रकार की शर्म नहीं होती थी..क्योंकि तब हर साल न किताब बदलती थी और न ही पाठ्यक्रम... 🤪 हमारे माताजी पिताजी को हमारी पढ़ाई का बोझ

ताश के पत्तो का मर्म ~ Playing cards secret

ताश खेलने पर बहुत लोग आलोचना करते है पर इसका ज्ञान भी जरूरी है। !!   ताश का मर्म  !! हम ताश खेलते है, अपना मनोरंजन करते है। पर शायद कुछ ही लोग जानते होंगे कि unताश का आधार वैज्ञानिक है व साथ साथ ही प्राकृति से भी जुड़ा हुआ है:-  आयताकार मोंटे कागज़ से बने पत्ते चार प्रकार के  .....ईंट, पान, चिड़ी, और हुक्म, प्रत्येक 13 पत्तों को मिलाकर कुल 52 पत्ते होते हैं। पत्ते.... एक्का से दस्सा, गुलाम, रानी एवं राजा ।      1. 52 पत्ते .......52 सप्ताह 2. 4 प्रकार के पत्ते .......4 ऋतु          3. प्रत्येक रंग के 13 पत्ते....प्रत्येक ऋतु में 13 सप्ताह 4. सभी पत्तों का जोड़ ..1 से 13 = 91 × 4 = 364 5. एक जोकर..... 364+1= 365 दिन...1 वर्ष 6. दूसरा जोकर गिने..365 +1=366  दिन..लीप वर्ष 7. 52 पत्तों में 12 चित्र वाले पत्ते - 12 महिने 8. लाल और काला रंग ... दिन और रात!   💥  पत्तों का अर्थ :- 1   दुक्की - पृथ्वी और आकाश 2.  तिक्की- ब्रम्हा, विष्णू, महेश 3.  चौकी - चार वेद (अथर्व वेद, सामवेद, ऋग्वेद,   अथर्ववेद) 4.  पंजी - पंच प्राण (प्राण, अपान, व्यान, उदान, समान) 5.  छक्की - षड रिपू (काम, क्

ढाई अक्षर प्रेम के

*मैंने कभी पढा था ... *"पोथी पढ़ पढ़ जग मुआ पंडित भया न कोय, *ढाई अक्षर प्रेम का पढ़े सो पंडित होय।।" *बहुत अथक प्रयास के बाद अब पता लगा ये ढाई अक्षर क्या है- *ढाई अक्षर के ब्रह्मा और ढाई अक्षर की सृष्टि। *ढाई अक्षर के विष्णु और ढाई अक्षर की लक्ष्मी। *ढाई अक्षर के कृष्ण .. *ढाई अक्षर की दुर्गा .. ढाई अक्षर की शक्ति। *ढाई अक्षर की श्रद्धा और ढाई अक्षर की भक्ति। *ढाई अक्षर का त्याग और ढाई अक्षर का ध्यान। *ढाई अक्षर की तुष्टि और ढाई अक्षर की इच्छा। *ढाई अक्षर का धर्म और ढाई अक्षर का कर्म। *ढाई अक्षर का भाग्य और ढाई अक्षर की व्यथा। *ढाई अक्षर का ग्रन्थ और ढाई अक्षर का सन्त। *ढाई अक्षर का शब्द और ढाई अक्षर का अर्थ। *ढाई अक्षर का सत्य और ढाई अक्षर की मिथ्या। *ढाई अक्षर की श्रुति और ढाई अक्षर की ध्वनि। *ढाई अक्षर की अग्नि और ढाई अक्षर का कुण्ड। *ढाई अक्षर का मन्त्र और ढाई अक्षर का यन्त्र। *ढाई अक्षर की श्वांस और ढाई अक्षर के प्राण। *ढाई अक्षर का जन्म ढाई अक्षर की मृत्यु। *ढाई अक्षर की अस्थि और ढाई अक्षर की अर्थी। *ढाई अक्षर का प्यार और ढाई अक्षर का युद्ध। *ढाई अक्षर का मित्र और ढाई

god's home sweet home - भगवान का घर

  कल दोपहर मैं बैंक में गया था। वहाँ एक बुजुर्ग भी उनके काम से आये थे। वहाँ वह कुछ काम की बात ढूंढ रहे थे। मुझे लगा शायद उन्हें पेन चाहिये। इसलिये उनसे पुछा तो, वह बोले "बिमारी के कारण मेरे हाथ कांप रहे हैं और मुझे पैसे निकालने की स्लीप भरनी हैं। उसके लिये मैं देख रहा हूँ कि किसी की मदद मिल जाये तो अच्छा रहता।"    मैं बोला "आपको कोई हर्ज न हो तो मैं आपकी स्लीप भर दूँ क्या ?"    उनकी परेशानी दूर होती देखकर उन्होंने मुझे स्लीप भरने की अनुमति दे दी। मैंने उनसे पुछकर स्लीप भर दी।    रकम निकाल कर उन्होंने मुझसे पैसे गिनने को कहा। मैंने पैसे गिनकर उन्हें वापस कर दिये।   मेरा और उनका काम लगभग साथ ही समाप्त हुआ तो, हम दोनों एक साथ ही बैंक से बाहर आ गये तो, वह बोले "साँरी तुम्हें थोड़ा कष्ट तो होगा। परन्तु मुझे रिक्षा करवा दोगे क्या ? भरी दोपहर में रिक्षा मिलना कष्टकारी होता हैं।" मैं बोला "मुझे भी उसी तरफ जाना हैं। मैं आपको कार से घर छोड़ दूँ तो चलेगा क्या ?"  वह तैयार हो गये। हम उनके घर पहुँचे। घर क्या बंगला कह सकते हो। 60' × 100' के

Journey of Life like a train रेलगाड़ी के सफर सी हो गई है जिंदगी

रेलगाड़ी के सफर सी हो गई है जिंदगी। बस चले जा रहे है.. वाशरूम जाओ और फिर आकर अपनी बर्थ पर बैठ जाओ.. खाना खाओ और फिर से अपनी बर्थ पर लेट जाओ.. मन ना लगे तो बालकनी तक घूम आओ और फिर से अपनी बर्थ पर बैठ जाओ.. ना चाहते हुए भी फुल पत्तियां बिल्डिंग गिन आओ और फिर से अपनी बर्थ पर लेट जाओ.. बिना किसी वजह अपनो से तर्क वितर्क करो और फिर से अपनी बर्थ पर लेट जाओ.. दिन भर मोबाइल पर विडियोज देखते रहो और सफर का आनंद लेते रहो.. सफर लंबा है, जाना कहा मालूम नही  बस आनंद लेते जाओ, बर्थ पर लेटे जाओ... ~ A24M